Tuesday 27 January 2015

Tumhare khat mein naya ik salam kis ka tha/ तुम्हारे ख़त में नया इक सलाम किसका था

तुम्हारे ख़त में नया इक सलाम किस का था
न था रक़ीब तो आख़िर वो नाम किस का था

(रक़ीब = प्रेमिका का दूसरा प्रेमी, प्रेमक्षेत्र का प्रतिद्वंदी)

वफ़ा करेंगे, निबाहेंगे, बात मानेंगे
तुम्हें भी याद है कुछ ये कलाम किस का था

रहा न दिल में वो बेदर्द और दर्द रहा
मुक़ीम कौन हुआ है मुक़ाम किस का था

(मुक़ीम = निवासी, ठहरा हुआ), (मुक़ाम =ठहरने का स्थान, पड़ाव)

वो क़त्ल कर के मुझे हर किसी से पूछते हैं
ये काम किस ने किया है ये काम किस का था

हर इक से कहते हैं क्या 'दाग़' बेवफ़ा निकला
ये पूछे उन से कोई वो ग़ुलाम किस का था

-दाग़ देहलवी



इसी ग़ज़ल के कुछ और अश'आर:


न पूछ-ताछ थी किसी की वहाँ न आवभगत
तुम्हारी बज़्म में कल एहतमाम किस का था

(बज़्म = महफ़िल, सभा), (एहतमाम = प्रबन्ध)

हमारे ख़त के तो पुर्जे किए पढ़ा भी नहीं
सुना जो तुम ने बा-दिल वो पयाम किस का था

(बा-दिल = दिल से), (पयाम = सन्देश)

इन्हीं सिफ़ात से होता है आदमी मशहूर
जो लुत्फ़ आप ही करते तो नाम किस का था

(सिफ़ात = गुणों)

तमाम बज़्म जिसे सुन के रह गई मुश्ताक़
कहो, वो तज़्किरा-ए-नातमाम किसका था

(मुश्ताक़ = उत्सुक, अभिलाषी), (तज़्किरा-ए-नातमाम = अधूरा ज़िक्र)

गुज़र गया वो ज़माना कहें तो किस से कहें
ख़याल मेरे दिल को सुबह-ओ-शाम किस का था

अगर्चे देखने वाले तेरे हज़ारों थे
तबाह हाल बहुत ज़ेर-ए-बाम किसका था

(अगर्चे = अगरचे = यद्यपि, हालाँकि), (ज़ेर-ए-बाम = छत के नीचे)




Tumhare khat mein naya ik salam kis ka tha
Na tha raqeeb to aakhir wo naam kis ka tha

Wafa karenge, nibhayenge, baat manenge
Tumhen bhi yaad hai kuch Ye kalaam kis ka tha

Rahaa na dil me wo bedard aur dard rahaa
Mukeem kaun hua hai makaam kiska tha

Wo katl karke mujhe har kisi se poochte hain
Ye kaam kis ne kiya hai ye kaam kiska tha

Har ik se kahte hain kya 'Daag' bewafaa niklaa
Ye pooche un se koi wo ghulaam kis ka tha

-Daagh Dehlvi

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