Monday 12 January 2015

Kaahe ab ki ae bahaar/ काहे अब की ऐ बहार, फ़ीका है हर ख़ुमार

काहे अब की ऐ बहार, फ़ीका है हर ख़ुमार
तुझमें जो वो बात थी, वो कहाँ खो गई
हाय रे, तू आज क्या से क्या हो गई

पहला सा रंग नहीं कलियों में तेरी
नहीं वो महक कहीं गलियों में तेरी
रानी तेरी रात की वो कहाँ खो गई
हाय रे, तू आज क्या से क्या हो गई

बिजली की बिन्दिया चमकती नहीं काहे
पवन बसन्ती बहकती नहीं काहे
सखी तेरे साथ की वो कहाँ खो गई
हाय रे, तू आज क्या से क्या हो गई

-मजरूह सुल्तानपुरी

Movie: Nargis - 1993, Singer: Lata Mangeshkar


No comments:

Post a Comment