Friday 24 October 2014

Kal chaudhvin ki raat thi/ कल चौदहवीं की रात थी

कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा
कुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा चेहरा तेरा

(शब = रात)

हम भी वहीं मौजूद थे, हम से भी सब पूछा किए
हम हँस दिए, हम चुप रहे, मंजूर था परदा तेरा

इस शहर में किस से मिलें हम से तो छूटी महिफ़लें
हर शख़्स तेरा नाम ले, हर शख़्स दीवाना तेरा

कूचे को तेरे छोड़ कर जोगी ही बन जाएँ मगर
जंगल तेरे, पर्वत तेरे, बस्ती तेरी, सहरा तेरा

(कूचा = गली), (सहरा = रेगिस्तान)

बेदर्द, सुननी हो तो चल, कहता है क्या अच्छी ग़ज़ल
आशिक़ तेरा, रुसवा तेरा, शायर तेरा, 'इन्शा' तेरा

(रुसवा = अपमानित, बदनाम)

-इब्ने इन्शा



इसी ग़ज़ल के कुछ और अश‍'आर:

तू बेवफ़ा तू मेहरबाँ हम और तुझ से बद-गुमाँ
हम ने तो पूछा था ज़रा ये वक्त क्यूँ ठहरा तेरा

हम पर ये सख़्ती की नज़र हम हैं फ़क़ीर-ए-रहगुज़र
रस्ता कभी रोका तेरा दामन कभी थामा तेरा

दो अश्क जाने किस लिए, पलकों पे आ कर टिक गए
अल्ताफ़ की बारिश तेरी अक्राम का दरिया तेरा

(अल्ताफ़ = दयाएँ, कृपाएँ, मेहरबानियाँ),
(अक्राम = करम का बहुवचन, दान, भेंटें)

हाँ हाँ, तेरी सूरत हँसी, लेकिन तू ऐसा भी नहीं
इस शख़्स के अश‍'आर से, शोहरा हुआ क्या-क्या तेरा

(शोहरा = शोहरत, प्रसिद्धि, ख्याति)

बेशक, उसी का दोष है, कहता नहीं ख़ामोश है
तू आप कर ऐसी दवा बीमार हो अच्छा तेरा


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Kal chaudhvin ki raat thi Shab bhar raha charcha tera
Kuch ne kaha yeh chaand hai Kuch ne kaha chehra tera

Hum bhi vahin maujood the Humse bhi sab poochha kiye
Hum hans diye hum chup rahe Manzoor tha parda tera

Is sheher mein kisse mile Humse to chooti mehfilein
Har shakhs tera naam le Har shakhs deewana tera

Koonche ko tere chhodkar Jogi hi ban jaaye magar
Jungle tere parbat tere Basti teri sehera tera

Bedard sunni ho to chal Kehta hai kya achchhi ghazal
Aashiq tera ruswaan tera Shaayar tera 'Insha' tera

-Ibne Insha

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