Saturday 30 August 2014

Meri zindagi kisi aur ki/ मेरी ज़िन्दगी किसी और की

मेरी ज़िन्दगी किसी और की, मेरे नाम का कोई और है
मेरा अक्स है सर-ए-आईना, पस-ए-आइना कोई और है

(सर-ए-आईना = आईने के सामने), (अक्स = प्रतिबिम्ब, परछाई), (पस-ए-आइना = आईने के पीछे)

मेरी धड़कनों में है चाप सी, ये जुदाई भी है मिलाप सी
मुझे क्या पता, मेरे दिल बता, मेरे साथ क्या कोई और है

(चाप = तेज़ आवाज़)

न गए दिनों को ख़बर मेरी, न शरीक-ए-हाल नज़र तेरी
तेरे देस में, मेरे भेस में, कोई और था कोई और है

(शरीक-ए-हाल = संगी, साथी, हर अवस्था में साथ रहनेवाला)

वो मेरी तरफ़ निगराँ रहे, मेरा ध्यान जाने कहाँ रहे
मेरी आँख में कई सूरतें, मुझे चाहता कोई और है

(निगराँ = १) निरीक्षक, जाँच-पड़ताल करने वाला, २) संरक्षक, देख-रेख करने वाला, ३) प्रतीक्षातुर, रास्ता देखने वाला)

-मुज़फ़्फ़र वारसी


न मकाम का, न पड़ाव का, ये हयात नाम बहाव का
मिरी आरज़ू न पुकार तू, मिरा रास्ता कोई और है

(हयात = जीवन)




Meri zindagi kisi aur ki mere naam ka koi aur hai
Mera aks hai sar-e-aaina pas-e-aaina koi aur hai

Meri dhadkanon mein hai chaap si ye judaai bhi hai milaapsi
Mujhe kya pataa mere dil bataa mere saath kya koi aur hai


Na gaye dino ko khabar meri na shareek-e-haal nazar teri
Tere desh mein mere bhes mein koi aur tha koi aur hai

Wo meri taraf nigraan rahe mera dhyaan jaane kahan rahe
Meri aankh mein kai sooraten mujhe chaahta koi aur hai

-Muzaffar Warsi

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